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कितना प्यार किया है तुमसे,

कितना प्यार किया है तुमसे,

जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे।

थोड़ा-थोड़ा करके खुद को, सौंप दिया है पूरा तुमको

तोड़ो, जोड़ो या बिखरा दो, इससे क्या लेना है हमको।

सहज मिलन है, शुक्र खुदा का

नहीं मिलेंगे तब मानोगे।

जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे।।

थोड़ा तोलमोल सीखो तुम, शब्दों के खंजर होते हैं।

बार बार दोहराने से क्या, गम के कम मंज़र होते हैं।।

जिस दिन हम दुनिया छोड़ेंगे, 

किस पर बंदूकें, तानोगे।

जो तुमसे पाया जीवन में, वह तो सत्कर्मों का फल है।

नहीं दिखाते, पर बिछुड़न से, इन आँखों से बहता जल है।

हर गलती की क्षमा मिले अब

क्षमा किया तुम कब ठानोगे।

जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे।।

प्रेम के घर में तुम ही बोलो, नफरत कैसे रह सकती है।

क्षमा क्रोध के ताने बोलो, तो कितने दिन सह सकती है।

यह तो तुम पर यकीं मुझे तुम

गुड़ गोबर न संग सानोगे।

जिस दिन बिछड़ोगे, जानोगे।।

विजय बेशर्म

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